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भगवान कोटेश्वर के पूजन अर्चन से होगी शिवनवरात्रि की शुरुवात।

लोकेशन उज्जैन
महाकालेश्ववर मंदिर स्थित कोटितीर्थ कुंड स्थित भगवान कोटेश्वर महादेव का पूजन अभिषेक करके शिव नवरात्रि पर्व की शुरूवात होगी।
महाकालेश्वर मंदिर मे महाशिवरात्रि उत्सव नौ दिनों तक मनाया जाता है। नौ दिनों तक बाबा महाकाल का प्रतिदिन अलग अलग रूपों मे विशेष श्रृंगार किया जाता है।
एवं बाबा को दूल्हे के रूप हल्दी अर्पित की जाती है।
भगवान कोटेश्वर कोटि तीर्थ कुंड के प्रमुख देवता है । विश्व की सभी नदियों का जल इसमें समाहित है।उनका पूजन पंचामृत अभिषेक करने के बाद बाबा महाकाल का पूजन किया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भी संध्या के समय श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, पंचामृत पूजन, सप्तधान्य अर्पण, सेहरा श्रृंगार के बाद आरती होगी। इसके बाद बाबा महाकाल का महाभिषेक प्रारंभ होगा।
विश्व का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहा बनाई जाती है शिवनवरात्रि
पुजारी परिवार रखते है नौ दिनों का व्रत
29 फरवरी से 8 मार्च महाशिवरात्रि तक दुल्हा बनेंगे महाकाल।
नौ दिनों तक इन मुखारविंदो मे दर्शन देंगे बाबा महाकाल

शिव नवरात्रि का समय बहुत खास होता है. जिसके आखिरी दिन शिवजी को दुल्हे के रूप में सजाया जाता है. शिवरात्रि का दिन होता है इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इन 9 दिनों को बहुत विशेष माना जाता है और मंगल गीत गाएं जाते हैं और पर्व मनाया जाता है. आइये जानते हैं कौन से होते हैं शिव जी के वो 9 रूप.

पहला दिन वस्त्र धारण
शिवरात्रि से पहले के 9 दिन विशेष हैं. शिव नवरात्रि के पहले दिन बाबा महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाता है और जलाधारी पर हल्‍दी चढ़ाई जाती है.

दूसरा दिन शेषनाथ
दूसरे दिन बाबा महाकाल का शेषनाग रूप में श्रृंगार किया जाता है, इस दिन बाबा महाकाल भक्‍तों को शेषनाग रूप में दर्शन देंगे.

तीसरा दिन घटाटोप
तीसरे दिन बाबा महाकाल भक्‍तों को घटाटोप रूप में दर्शन देंगे.

चौथा दिन छबीना
चौथे दिन बाबा महाकाल का छबीना श्रृंगार किया जाता है, जो कि ए‍क नवयुवक स्‍वरूप होता है. बाबा महाकाल का श्रृंगार एक राजकुमार की तरह किया जाता है.

पांचवां दिन होल्कर
शिव नवरात्रि के पांचवें दिन महाकाल बाबा को होलकर परंपराओं के अनुसार सजाया जाएगा.

छठा दिन मनमहेश
शिव नवरात्रि के छठवें दिन बाबा महाकाल को मनमहेश के रूप में सजाया जाएगा, इस रूप में भगवान शिव के रूप में महाकाल का श्रृंगार होगा.

सातवां दिन उमा महेश
सातवें दिन बाबा महाकाल माता पार्वती के साथ उमा-महेश के रूप में भक्‍तों को दर्शन देते हैं, इस दिन महाकाल बाबा और मां पार्वती दोनों का स्‍वरूप भक्‍तों को दिखता है.

आठवां दिन शिव तांडव
आठवें दिन बाबा महाकाल शिव तांडव के रूप में भक्‍तों को दर्शन देते हैं, इस स्‍वरूप में महाकाल का रौद्र रूप भक्‍तों को देखने को मिलता है.

नवें दिन निराकार
शिव नवरात्रि के आखिरी दिन में महाकाल को दूल्‍हे के रूप में सजाया जाता है. सवा मन फूलों का सेहरा बाबा को पहनाया जाता है।

AKHAND BHARAT NEWS

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